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Tuesday 11 May 2021

Main Parts of Lubrication System || In Hindi


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Main Parts of Lubrication System || In Hindi


Automobiletext.com के इस Article में हम लुब्रिकेशन सिस्टम (Lubrication System) में कौन कौन से पार्ट्स सम्मिलित होते है, उसके बाड़े में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे। 

जैसा कि हम सब यह जानते ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज में 4 स्ट्रोक इंटरनल कम्बसन इंजन (I.C engine) का प्रयोग प्रमुखता के साथ किया जाता है। इस तरह 4 स्ट्रोक इंटरनल कम्बसन इंजन का लुब्रिकेशन सिस्टम निम्नलिखित पार्ट्स से मिलकर बना होता है। 

  1. Oil sump अथवा Oil tank अथवा Oil pan

  2. Oil pump

  3. Oil cooler 

  4. Oil filter

  5. Oil strainer

  6. Oil pressure Gauge /Oil pressure switch

  7. Pressure relief valve

  8. Oil pressure indicator light

  9. Oil level indicator

  10. Dipstick

  11. Drain plug


Oil Sump - आयल सम्प इंटरनल कम्बशन इंजन का सबसे नीचे वाला हिस्सा होता है। आयल सम्प को आयल टैंक , ऑयल ट्रे, आयल रिजर्वायर अथवा आयल पैन के नाम से भी जाना जाता है। इंजन में इसके दो काम होते है। एक तो यह इंजन को bottom side से cover करके रखता है और दूसरा इंजन आयल के लिए रिजर्वायर टैंक की तरह काम करता है। जब इंजन में लुब्रिकेशन सिस्टम काम करता है तब यह इंजन को आयल सप्लाई करता है और इंजन के विभिन्न पार्ट्स के लुब्रिकेशन होने के बाद होने वाले oil drop को संग्रहीत (Collect) करता है।

आयल सम्प सामान्य तौर पर steel, aluminum, अथवा cast iron का बना होता है।


आयल सम्प का डिज़ाइन अलग अलग इंजन में अलग अलग प्रकार का हो सकता है। परंतु सभी आयल सम्प में एक सामान्य सी बात यह होती है कि इसका एक deeper section (गहरा भाग) अवश्य होता है। सम्प के इसी भाग में आयल पंप का आयल सक्शन पाइप डूबा रहता है। 


सम्प में इंजन आयल को ड्रेन करने के लिए एक magnetic drain plug अथवा बोल्ट लगा होता है।


OIL Pump - आयल पंप का प्रमुख काम सम्प से इंजन आयल को suck करके, इंजन के सभी मुख्य पार्ट्स को लुब्रिकेट करने के लिए आयल को भेजने का होता है। यह इंजन के crankcase के अंदर लगा होता है। सामान्यतः यह एक मैकेनिकल पंप होता है। पंप को ड्राइव इंजन के क्रैन्कशाफ्ट से मिलता है। यह क्रैन्कशाफ्ट के साथ एक external gear के द्वारा जुड़ा होता है। किसी किसी इंजन में इसे पावर केम शाफ़्ट से भी प्राप्त होता है। जब क्रैन्कशाफ्ट या केम शाफ़्ट रोटेट होता है तब पंप के अंदर लगे गियर घूमना प्रारम्भ कर देते है। और सम्प से आयल suck करके आगे भेजना शुरू कर देते है। 

इंजन लुब्रिकेशन के लिए प्रयोग होने वाले पंप भी कई प्रकार के होते है। जिनमें चार प्रकार के पंप प्रमुख है। 

  1. Gear type pump

  2. Rotor type pump

  3. Plunger type  pump and

  4. Vane type Pump


Gear Type Pump - Gear type pump दो spur gear से मिलकर बना होता है। जिसे एक हाउसिंग के अंदर Fit कर दिया जाता है। Pump के gear और housing के बीच का clearance या gap बहुत ही कम रखा जाता है। pump के किसी एक गियर को एक शाफ़्ट और शाफ़्ट को एक external gear के द्वारा इंजन के crankshaft या camshaft से जोड़ दिया जाता है। पंप का दूसरा गियर अपने separate bearing के साथ अपने axis पर स्वतन्त्र रूप (freely) से घूम सकता है। पंप के हाउसिंग में आयल आने के लिए एक inlet port तथा एक outlet port बना होता है। जब पंप काम करना प्रारंभ करता है तब, इनलेट साइड से इंजन आयल पंप हाउसिंग और गियर के बीच उत्पन्न प्रेशर में अंतर के कारण suck किया जाता है और पंप के gear teeth द्वारा outlet side की तरफ धकेल दिया जाता है। फिर आयल outlet port से आगे आयल गैलरी की तरफ ट्रेवल कर जाता है।


इस pump का डिज़ाइन काफी ही सिंपल होता है। यह पंप आयल की डिलीवरी लगभग 2 - 7 kg/cm2 के प्रेशर से कर सकता है। 

चूंकि, यह एक positive displacement pump होता है इसलिए, जब तक इसे इंजन से पावर मिलता रहता है यह आयल का सप्लाई जारी ही रखता है। इसलिए, लुब्रिकेशन सिस्टम में आयल का प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए ऑयल प्रेशर रिलीफ वाल्व का भी समायोजन किया गया होता है।


उदाहरण के लिए Greaves के 435 cc small Automotive Diesel engine में इसी प्रकार के पंप का प्रयोग किया गया है।

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Gear Type Pump


Rotor type Pump - जैसा कि इसके नाम से ही यह जाहिर होता है कि यह पंप रोटर पम्प  से बना होता है। अगर आप इसे गियर पंप के  comparison में देखें तो आपको यह पता चलेगा कि इस पम्प में गियर की जगह दो रोटर का प्रयोग किया गया है। एक Rotor को inner rotor तथा दूसरे रोटर को outer rotor कहते है। inner और outer rotor एक housing के अंदर बंद रहते है। अगर inner और outer rotor की बनावट को देखा जाए तो इनकी बनावट लगभग एक जैसी होती है। परंतु अंतर इनके साइज और Gear teeth में होता है। outer rotor में inner rotor के बनिस्पत एक gear ज्यादा होता है। अगर inner gear में 4 teeth है तो outer गियर में 5 teeth अवश्य ही होंगे। Inner rotor को Drive Gear तथा outer rotor को Driven gear भी कहा जाता है।

इस पम्प में भी ऑयल का बहाव (Flow) inlet side से outlet side की तरफ होता है। इस पंप में भी आयल का flow लगभग 2 - 7 kg/cm2 के प्रेशर से होता है।


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Rotor Type Pump

Plunger type pump - इस प्रकार के पम्प में एक plunger लगा होता है जो pump body के अंदर reciprocating motion (Up - down) में work करता है। जब plunger upward direction में move करता है तब यह sump से ऑयल को suck करता है और जब downward direction में move करता है तब suck किए गए ऑयल को outlet side में push कर देता है। इसमें आयल के बहाव को कंट्रोल करने के लिए inlet तथा outlet port पर spring loaded, NRV (Non returning Valve) दिए गए होते है।

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Plunger Type Pump


Vane type pump - यह पंप एक cylindrical casing, inlet तथा outlet port और eccentrically mounted drum से मिलकर बना होता है। Drum में भी दो spring loaded vanes बने होते है। इसके अंदर भी ऑयल फ्लो का एक साईकल 4 स्टेप्स में कम्पलीट होता है। वे चार स्टेप्स है - induction , isolation, compression और exhaust. जब ड्रम रोटेट करना प्रारंभ करता है तब ड्रम में लगे vanes sweep करना प्रारंभ कर देते है।  जिस से आयल का फ्लो इनलेट साइड से आउटलेट साइड की तरफ होने लगता है।

चूंकि ड्रम casing के साथ eccentrically mounted होता है इसलिए drum और casing के बीच का volume constantly decreases करता है और और outlet side में oil pressure constantly increase करता है।


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Vane Type Pump


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