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Saturday 25 February 2023

What is crankshaft ? क्रैंकशाफ़्ट क्या होता है

 What is crankshaft ?

What is crankshaft


आज के इस Article में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि , इंटरनल कम्बसन इंजन का प्रमुख कॉम्पोनेन्ट क्रैन्कशाफ्ट क्या होता है ? - What is crankshaft ? क्रैन्कशाफ्ट काम कैसे करता है ? यह कितने प्रकार का होता है ? इत्यादि। यह सब हमलोग सविस्तार डायग्राम के साथ जानेंगे। 


What is Crankshaft ?
क्रैन्कशाफ्ट क्या होता होता है ?


आप सब यह भलीभांति यह जानते है कि, क्रैन्कशाफ्ट इंटरनल कम्बसन इंजन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। इंजन में इसका मुख्य काम पिस्टन के अप और डाउन मूवमेंट से उत्पन्न होने वाले रेसिप्रोकेटिंग मूवमेंट (Reciprocating movement) को कनेक्टिंग रॉड की मदद से रोटेटिंग मूवमेंट ( Rotating movement) में कन्वर्ट करना होता है। 


पिस्टन के एक स्ट्रोक के दौरान, क्रैंकपिन और क्रैन्कशाफ्ट के बीच सेंटर से सेंटर की दूरी पिस्टन के डिस्प्लेसमेंट का आधा होता है। इस प्रकार क्रैन्कशाफ्ट के एक कम्पलीट रोटेशन में पिस्टन का दो स्ट्रोक हो जाता है।


Parts of Crankshaft 
क्रैन्कशाफ्ट के प्रमुख भाग


Main Parts of Crankshaft of Internal combustion engine
Main Parts of Crankshaft


एक क्रैन्कशाफ्ट अनेक पार्ट्स या भाग को मिलाकर बनाया गया होता है। या, दूसरे शब्दों में आप यह कह सकते है कि एक क्रैन्कशाफ्ट के सभी भागों के नाम भिन्न भिन्न होते है। जो इस प्रकार है। 


  1. क्रैंकपिन (Crankpin)

  2. मेन जर्नल (Main Journals)

  3. क्रैंक वेब (Crank web)

  4. काउंटर वेट या बैलेंसिंग वेट (Counter Weight)

  5. थ्रस्ट वॉशर (Thrust Washer)

  6. आयल पैसेज या आयल गैलरी (Oil Passage)

  7. आयल सील (Oil Seal)

  8. फ्लाई व्हील माउंटिंग फ्लैंज (Flywheel Mounting Flange)


नीचे दिए गए डायग्राम की मदद से क्रैन्कशाफ्ट के प्रमुख भाग और इसके नाम को आसानी से समझा जा सकता है।


  1. क्रैंकपिन (Crankpin) - क्रैंकपिन किसी क्रैन्कशाफ्ट का वह भाग होता है जिसके साथ कनेक्टिंग रॉड का बिग एन्ड साइड कनेक्ट रहता है। क्रैन्कशाफ्ट का यही भाग पिस्टन से आने वाले थ्रस्ट को सर्वप्रथम काउंटर करता है और रेसिप्रोकेटिंग मोशन को रोटेशन मोशन में कन्वर्ट करने में मदद करता है। इसकी संरचना पूरी तरह से बेलनाकार (cylindrical) होता है।

    Crankpin of Internal Combustion Engine



  1. मेन जनरल (Main Journal) - मेन जनरल, क्रैन्कशाफ्ट का वह भाग होता है जो "मेन जनरल बेअरिंग" की सहायता से इंजन के क्रैंककेस से जुड़ा रहता है। मेन जनरल को दूसरी तरह से समझने के लिए , क्रैन्कशाफ्ट के एक सिरे के केंद्र से दूसरे सिरे के केंद्र तक एक सीधी आभासी रेखा खींची जाए तो यह रेखा क्रैन्कशाफ्ट के मेन जनरल को परिभाषित करेगा। नीचे दिए डायग्राम की मदद से आप इसे और अच्छी तरह से समझ सकते है।

    Main Journal of Crankshaft


  1. क्रैंक वेब (Crank Web) - क्रैंक वेब क्रैंकशाफ्ट का सबसे जरूरी हिस्सा है। क्रैंक वेब क्रैंकशाफ्ट को मेन जनरल बियरिंग से जोड़ता है। एक अच्छा क्रैंक वेब क्रैंकशाफ़्ट को अतिरिक्त मजबूती प्रदान करता है।



  1. काउंटर वेट या बैलेंसिंग वेट (Balancing Weight)  - यह क्रैन्कशाफ्ट में क्रैंक वेब से जुड़ा  एक प्रकार का वजन (type of weight) होता है, जो विपरीत बल (opposite force) उत्पन्न करता है। यह क्रैंकशाफ्ट को संतुलन और स्थिरता (Balance & Stability) प्रदान करता है। ये क्रैंक वेब पर लगे होते हैं। क्रैंकशाफ्ट में काउंटरवेट लगाने का मुख्य कारण यह है कि रोटेशन के कारण होने वाली प्रतिक्रिया (reaction) को कम या समाप्त किया जा सके।  यह इंजन को  उच्च आरपीएम (High RPM) प्राप्त करने के लिए बहुत सहायक होता है और इंजन को आसानी से चलने में मदद है। 

जब पिस्टन top dead center पर पहुँचता है तब काउंटर वेट का Heavier साइड अपने lowest point पर होता है और, जब पिस्टन bottom dead center पर होता है उस समय काउंटर वेट का Heavier side अपने highest point पर होता है। काउंटर वेट का यह पोजीशन चेंज, इंजन के डेड स्ट्रोक की अवस्था मे रोटेशन को सरलता से चालू रखता है।



  1. थ्रस्ट वॉशर (Thrust Washer) - थ्रस्ट वाशर सामान्य तौर पर एक Flat washer (सपाट वॉशर) होता है। जो Rotating Surface यानी क्रैन्कशाफ्ट के एंड और Stationary surface यानी क्रैंककेस के बीच लगा होता है । थ्रस्ट वाशर क्रैन्कशाफ्ट के Axial Load अथवा side to side motion को सपोर्ट करता है तथा शाफ़्ट के axial play को निर्धारित और नियंत्रित करने में सहयोग करता है। थ्रस्ट वाशर एक तरह से मेन जनरल बेअरिंग के लिए एक surface अथवा एक सतह की तरह भी काम करता है। सामान्य तौर पर इनका प्रयोग जहाँ पर high-wearing application में किया जाता है।



  1. आयल पैसेज या आयल गैलरी (Oil Passage) - क्रैन्कशाफ्ट इंजन एक moveable component है और यह crankcase के अंदर  high temperature तथा high speed में काम करता है। अतः इसे पर्याप्त Lubrication की भी आवश्यकता होती है। इसके लुब्रिकेशन के लिए इसके अंदर मशीन द्वारा ड्रिल कर के आयल पैसेज बनाए गए होते है। इसी आयल पैसेज के माध्यम से लुब्रिकेशन आयल, मेन आयल गैलेरी से सभी मेन जनरल और बेअरिंग पर पहुँचता है।



  1. आयल सील (Oil Seal) - आयल सील क्रैन्कशाफ्ट से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट होता है। सामान्यतः यह क्रैन्कशाफ्ट के दोनों सिरों पर क्रैंककेस के साथ लगा होता है। इसका मुख्य काम लुब्रिकेशन आयल को लीकेज होने से रोकना है ताकि आयल गैलरी के अंदर आयल का प्रेशर और क्वांटिटी मेन्टेन रहें।



  1. फ्लाई व्हील माउंटिंग फ्लैंज (Flywheel Mounting Flange) - क्रैन्कशाफ्ट का पिछला सिरा (Rear end) क्रैंककेस बाहर की तरफ निकला होता है। इस निकले हुए भाग पर flywheel को माउंट करने के लिए flange दिए गए होते है। जिसपर बोल्ट की सहायता से फलीव्हील को माउंट किया जाता है। 

    What is Crankshaft?
    Flywheel Flange



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Crankshaft Terminology 


आइये अब क्रैन्कशाफ्ट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण Terminology के बारे में जान लेते है। 


क्रैंक रेडियस (Crank Radius) - क्रैन्कशाफ्ट के मेन जनरल के सेंटर और क्रैंकपिन के सेन्टर के बीच की दूरी को क्रैंक रेडियस (Crank Radius) अथवा क्रैंक थ्रो ( Crank Throw) कहा जाता है। लाइनर में  पिस्टन के अप एंड डाउन मूवमेंट में ट्रेवल करने वाली दूरी से इसका सीधा संबंध होता है। 

संक्षिप्त रूप में कहा जाए तो, पिस्टन का स्ट्रोक उसके क्रैंक रेडियस का दोगुना होता है। दूसरे शब्दों में , Crank Radius पिस्टन stroke का आधा होता है। जिसका मेज़रमेंट मिलीमीटर में किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी पिस्टन का स्ट्रोक 75 mm है तो उसका crank radius 37.5 mm होगा।


एक्सियल प्ले (Axial Play) - Axial Play या End Play दो Thrust bearings के बीच की वह कुल दूरी है जिसके बीच क्रैन्कशाफ्ट axially move कर सकता है। इसे Float, Thrust bearing clearance अथवा axial clearance के नाम से भी जाना जाता है। Axial clearance या play का उद्देश्य Lubrication, misalignment और thermal expansion के लिए आवश्यक जगह प्रदान करना है।

इस प्रकार आज आपने इंटरनल कम्बसन इंजन में लगने वाले क्रैन्कशाफ्ट के बारे में जाना । यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके अवश्य बताएं।


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