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Thursday 2 March 2023

What is a camshaft ? Camshaft Kya Hota Hai ? कैम शाफ़्ट क्या होता है ? Hindi Me

What is a camshaft ? Camshaft Kya Hota Hai ? कैम शाफ़्ट क्या होता है ? हिंदी में

automobiletext.com के इस आर्टिकल में हम इंटरनल कम्बसन इंजन (Internal Combustion Engine) में प्रयोग होने वाले एक महत्वपूर्ण और आवश्य कॉम्पोनेन्ट या पार्ट "केमशाफ़्ट (Camshaft)" के बारे में विस्तार से जानेंगे। आज हम आज जानेंगे कि, कैम्शाफ्ट (Camshaft) क्या होता है ? कैम्शाफ्ट की बनावट या संरचना कैसी होती है ? कैम्शाफ्ट के प्रमुख भाग कौन - कौन से होते है ? कैम्शाफ्ट को बनाने के लिए कौन से मटेरियल या धातु का प्रयोग किया जाता है ? कैम्शाफ्ट कार्य कैसे करता है ? इत्यादि।

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Introduction of Camshaft


"कैम्शाफ्ट (Camshaft)" - जैसा कि नाम से ही विदित होता है कि ऐसा शाफ़्ट (Shaft) जिस पर "केम (Cam)" लगा हो। यहाँ हम जिस कैम्शाफ्ट की चर्चा कर रहे वह इंटरनल कम्बसन इंजन का है। परंतु इसका कतई यह मतलब नही है कि कैम्शाफ्ट का प्रयोग सिर्फ इंजन में ही होता है। इसलिए इसकी परिभाषा में वे सभी प्रकार के कैम्शाफ्ट समाहित है जो इसकी परिभाषा के अनुसार इसके सभी गुणों (Properties) को धारण करते है।


कैम्शाफ्ट की परिभाषा
(Definition of Camshaft)


कैम्शाफ्ट (Camshaft) - कैम्शाफ्ट धातु या एलॉय धातु से बना एक शाफ़्ट होता है जो जिसके ऊपर धातु की ही अंडाकार या वक्राकार (Curved in Shape) संरचना बनी होती है जिसे कैम् (Cam) कहा जाता है और जो रोटरी मोशन को रेसिप्रोकेटिंग मोशन में कन्वर्ट करता है। 


(Camshaft  - A camshaft is a metallic shaft on which cams are mounted. Cams are responsible to convert the rotary motion into reciprocating motion.)


इंटरनल इंजन के संदर्भ में आप इसे कुछ इस तरह परिभाषित कर सकते है - “अन्तरदहन इंजन या ताप इंजन (Internal combustion engine or, Heat Engine)  में प्रयोग होने वाला कैम्शाफ्ट एक ऐसा डिवाइस या युक्ति है जो इनलेट वाल्व और एग्जॉस्ट वाल्व को केम फॉलोवर की सहायता से संचालित करते हुए सिलिंडर के अंदर ईंधन अथवा ईंधन वायु के मिश्रण तथा दहन के उपरांत एग्जॉस्ट गैस के उत्सर्जन अथवा निष्कासन को नियंत्रित करता है।”


कैम्शाफ्ट के बारे में 
(About Camshaft)


इंटरनल कम्बसन इंजन में प्रयोग होने वाला कैम्शाफ्ट सामान्यतः धातु से बना हुआ एक शाफ़्ट होता है। जिसके ऊपर रेडियल केम बने होते है। सामान्य तौर पर इनलाइन प्रकार के इंजन (Inline type engine) में कैम्शाफ्ट सिलिंडर ब्लॉक के अंदरूनी लोअर पार्ट में लगे होते है। इंजन में इनका पोजीशन इंजन के बनावट और उन में लगे सिलेंडरों तथा वाल्व की संख्या पर निर्भर करता है। कैम्शाफ्ट पर लगे रेडियल केम ही इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व को खोलते और बन्द करते है।

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Camshaft



इंजन के अंदर कैम्शाफ्ट ही वाल्व के खुलने और बन्द होने के लिए क्रैन्कशाफ्ट से आने वाले रोटरी मोशन को लीनियर मोशन में कन्वर्ट करते है। जिससे केम फॉलोवर अथवा लिफ्टर, जो कैम्शाफ्ट के ऊपर आश्रित होते है, को ऊपर की तरफ उठाया जा सकता है जिसकी वजह से पहले पुश रॉड और फिर रॉकर आर्म और फिर रॉकर आर्म से इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व को ऑपरेट किया जाता है।


कैम्शाफ्ट पर उभरे हुए हिस्से को केम लोब (Cam lobe) कहते है। किसी कैम्शाफ्ट पर केम लोब (cam lobe) की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि इंजन कितने सिलिंडर और कितने वाल्व का है। सामान्यतः एक सिलिंडर में दो वाल्व लगे होते है एक इनलेट और एक एग्जॉस्ट। इस प्रकार इनके दोनों वाल्व को ऑपरेट करने के लिए कैम्शाफ्ट पर दो केम लोब दिए गए होते है। 


दूसरे शब्दों में आप यह कह सकते है कि - सामान्यतः  किसी इंजन में जितने वाल्व होंगे उतने ही केम लोब कैम्शाफ्ट पर होंगे। कहने का मतलब यह है कि अगर किसी तीन सिलिंडर इंजन में इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व को मिलाकर 6 वाल्व है तो उसके कैम्शाफ्ट पर  6 ही केम लोब बने होंगे।


उदाहरण के लिए - महिंद्रा ट्रेक्टर के 265 -DI मॉडल ट्रैक्टर में 3 सिलिंडर वाला इनलाइन इंजन लगा है। जिसमें 3 इनलेट और 3 एग्जॉस्ट वॉल्व लगे हैं । तो आपको इसके कैम्शाफ्ट पर 6 केम लोब देखने को मिल जाएंगे। समझने के लिए आप नीचे दिए गए चित्र को रेफेर कर सकते है।

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Camshaft with 6 Cam Lobe


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कैम्शाफ्ट की बनावट या संरचना
(Construction of Camshaft)


कैम्शाफ्ट के बनावट में मुख्यरूप से मेंन जनरल बेअरिंग, केम, केम लोब, ऐसेंट्रिक पार्ट (Eccentric Part), आयल पैसेज इत्यादि को शामिल किया जाता है। कैम्शाफ्ट सामान्य तौर पर वक्राकार (curved in shape) होता है। जिसमें प्रधान धातु के रूप में कास्ट आयरन (Cast Iron) का प्रयोग किया जाता है। परंतु इसके अलावे स्टील, स्टेनलेस स्टील, ब्रोंज, ब्रास तथा आयरन एलॉय जैसी धातुओं (Metals) का भी प्रयोग देखने को मिलता है। कैम्शाफ्ट को और दृढ़ता और मजबूती प्रदान करने के लिए इन पर चिल्लिंग प्रोसेस जैसी अनेको दूसरी विधि (Process) का भी अनुपालन किया जाता है।


कैम्शाफ्ट के मुख्य भाग
(Main Parts of camshaft)


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Main Parts of Camshaft


कैम्शाफ्ट के मुख्य भाग या पार्ट्स निम्नलिखित है।

  1. केम - Cam

  2. केम लोब - Cam Lobe

  3. केम बेअरिंग जर्नल - Cam Bearing Journal

  4. बेअरिंग सेशेल्स - Bearing Shells

  5. थ्रस्ट प्लेट - Thrust Plate

  6. चैन स्प्रोकेट - Chain Sprocket

  7. वुड्रफ चाभी - Woodruff Key

  8. ऐसेंट्रिक पार्ट - Eccentric Part 



  1. Cam (कैम) - यह केम शाफ़्ट का वह उभरा हुआ हिस्सा है जो केम फॉलोवर को लिफ्ट करता है और इंजन के क्रैंकशाफ़्ट से प्राप्त होने वाले रोटरी मोशन को रेसिप्रोकेटिंग मोशन में कन्वर्ट करता हैं।

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    Cam


  1. केम लोब - (Cam Lobe) - कैम्शाफ्ट पर बने केम (Cam) का सबसे पिक वाला हिस्सा जिसके सहारे केम फॉलोवर सबसे अधिकतम ऊँचाई तक लिफ्ट हो सकता है (लोब) Lobe अथवा केम लोब (Cam lobe) कहलाता है। कहीं - कहीं इसे केम लिफ्ट (Cam Lift) के रूप में भी उल्लेखित किया गया है।

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    Lobe


  1. केम बेअरिंग जर्नल - (Cam Bearing Journal) - कैम्शाफ्ट को क्रैंककेस में माउन्ट करने और स्वतंत्रता से रोटेट होने के लिए कैम्शाफ्ट के ऊपर एक बेलनाकार (Cylindrical) संरचना बनी होती है। इसे ही केम बेअरिंग जर्नल कहा जाता है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह होती है कि Cam Bearing Journal के साथ अक्सर बुश बेअरिंग या शेल बेअरिंग का ही प्रयोग किया जाता है।
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    Cam Bearing Journal


  1. बेअरिंग सेशेल्स (Bearing Shells) - कैम्शाफ्ट के जिस बुश टाइप बेअरिंग का प्रयोग किया जाता है उसे बेअरिंग शेल भी कहा जाता है।


  1. थ्रस्ट प्लेट (Thrust Plate) - थ्रस्ट प्लेट धातु से बना एक सामान्य प्लेट होता जो कैम्शाफ्ट को अपने स्थान से विस्थापित होने से रोक कर रखता है। इसकी बनावट दोनों तरफ से शंक्वाकार और चपटी होती है। जिसे क्रैंककेस के साथ बोल्ट के द्वारा माउन्ट करने के लिए इसके बाहरी किनारों पर 2 से लेकर 4 तक की संख्या में छिद्र (Hole) बने होते है। 

चूंकि कैम्शाफ्ट के रोटेशन के दौरान उत्पन्न होने वाले थ्रस्ट को यह रोकता है। इसलिए इसे थ्रस्ट प्लेट (Thrust Plate) कहा जाता है।

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Thrust Plate


  1. चैन स्प्रोकेट (Chain Sprocket) - यह कैम्शाफ्ट को ड्राइव देनेवाला एक डिवाइस है जो कैम्शाफ्ट से जुड़ा होता है । यह क्रैन्कशाफ्ट से आने वाले पावर को रिसीव करके कैम्शाफ्ट को रोटेट करता है।


  1. वुड्रफ चाभी (Woodruff Key) - जैसा कि आप सब जानते है कि woodruff key अर्धचंद्राकर एक लॉकिंग डिवाइस होता है। कैम्शाफ्ट के संदर्भ में यह कैम्शाफ्ट को केम गियर से जोड़ने का काम करता है।
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    Woodruff Key


  1. ऐसेंट्रिक पार्ट - (Eccentric Part) - कैम्शाफ्ट से इंजन के कुछ और महत्वपूर्ण असेंबली को भी ड्राइव दिया जाता है। जैसे कि फ्यूल फीड पंप इत्यादि। इसके लिए कैम्शाफ्ट के रोटेशन एक्सिस से या इसके सेंटर से "ऑफ सेंटर" कुछ बेलनाकार (Cylindrical) डिज़ाइन भी बने होते है। जिन्हें ऐसेंट्रिक (Eccentric) कहा जाता है। यह देखने में Cam Bearing Journal की तरह ही दिखते है परंतु ध्यान से देखने और समझने पर दिख जाते है। 





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(Line diagram & Terminology)
लाइन डायग्राम और केम टर्मिनोलॉजी


आइये केम की पूरी संरचना को नीचे दिए गए लाइन डायग्राम और केम टर्मिनोलॉजी (Line diagram & Terminology) के माध्यम से समझते है।


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Cam Terminology


Base Circle - बेस सर्किल एक केम शाफ़्ट के रोटेशन सेन्टर से सबसे करीब वाला सर्किल होता है। आसान भाषा मे आप ऐसा समझ सकते है कि अगर केमशाफ़्ट के सभी उभरी हुई संरचनाओं को हटा दिया जाए और इसके बाद कैम्शाफ्ट की जो बेलनाकार वृतीय आकृति उभर कर आएगी। वही वृत्तीय आकृति का वृत्त (Circle) कैम्शाफ्ट का Base circle कहा जायेगा।

Trace point - यह cam का वह काल्पनिक और सैद्धान्तिक (Theoretical) बिंदु या पॉइंट है जहां से Pitch Curve की शुरुआत होती है। दूसरे शब्दों में आप यह कह सकते है Trace point वह काल्पनिक या आभाषी बिंदु जहां से केम का कर्व स्टार्ट होता है।

Pitch Curve - Trace point द्वारा बनाया गया वह path या line है जिसकी वजह से एक stationary position में पड़ा केम फॉलोवर लिफ्ट होना शुरू होता है और अपने मैक्सिमम लिफ्टिंग पोजीशन तक जाता है। ट्रेस पॉइंट की तरह यह भी एक आभाषी या काल्पनिक रेखा ही है।

Home Position - जब cam follower का orientation, displacement curve पर 0° होता है तब उसे cam का होम पोजीशन कहा जाता है।

Prime Circle - Cam Axis से खींचा गया एक ऐसा circle है जिसका radius (त्रिज्या), कैम्शाफ्ट एक्सिस से ट्रेस पॉइंट तक की दूरी के बराबर है। दूसरे तरह से आप ऐसे समझिए कि - कैम्शाफ्ट के Axis से Trace point तक सीधी रेखा खींच दीजिए और इसी दूरी को radius (त्रिज्या) मानते हुए एक circle खींच दीजिए। यही सर्किल cam का prime circle कहलायेगा।

Pressure Angle - जैसा नाम से ही विदित है कि यह एक कोण है जो केम फॉलोवर के घूमने की दिशा (Direction of motion of the cam follower) तथा केम के दिशा में लगने वाले केम कांटेक्ट फ़ोर्स ( Direction of the cam contact force) के बीच बनता है । यह अवधारणा है कि प्रेशर एंगल का मान 30° से अधिक नही होना चाहिए।


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शेप के अनुसार केम के प्रकार
(Types of cam according to shape)



Cam के shape (बनावट) के आधार पर cam के निम्न प्रकार होते है।


  1. प्लेट कैम / डिस्क कैम (Plate Cam or, Disc Cam)

  2. वेज कैम / फ्लैट कैम (Wedge Cam or, Flat Cam)

  3. ग्रूवड कैम / क्लोज्ड कैम (Grooved cam or, Closed Cam)

  4. सˈलिन्‌ड्रिक्‌ल्‌ कैम / बैरल कैम (Cylindrical Cam or, Barrel Cam)

  5. हार्ट - शेप्ड कैम  (Heart-Shaped Cam)

  6. ट्रांसलेटिंग कैम (Translating Cam)

  7. स्नेल ड्राप कैम (Snail drop Cam)

  8. कन्जूगेट कैम (Conjugate Cam)

  9. ग्लोबोइडल कैम (Globoidal Cam)

  10. स्फेरिकल कैम (Spherical Cam)


  1. Plate cam or, Disc Cam (प्लेट कैम / डिस्क कैम) - इस प्रकार का cam अमूमन शंक्वाकार आकृति का होता है। इस केम के साथ फॉलोवर कैम्शाफ्ट के रोटेशन एक्सिस के साथ लंबवत अर्थात सीधा (Perpendicular) होता होता है। साथ ही साथ फॉलोवर निश्चित रूप से केम प्रोफाइल के साथ कांटेक्ट में बना रहता है।

लगभग सभी इंटरनल कम्बसन इंजन, खासकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज में आपको यह केम शेप शाफ़्ट के ऊपर देखने को मिल जाएगा।


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Plate Cam Or, Disc Cam


  1. Wedge cam or, Flat cam (वेज कैम / फ्लैट कैम) - इस प्रकार के केम सीधे आकर वाले होते है और केम फॉलोवर को एक विशिष्ट (Specific) प्रकार की गति (Movement) प्रदान करते है। इस प्रकार के cam का प्रयोग आई०सी० इंजन में न के बराबर देखने को मिलता है। इसका प्रयोग बाकी अन्य मशीनों में किया जाता है।

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    Wedge or, Flat Cam


  1. Grooved cam or, Closed cam (ग्रूवड कैम / क्लोज्ड कैम) -यह केम Plate केम या डिस्क केम की तरह ही होता है परंतु इसमें केम फॉलोवर केम में बने ग्रूव या खांचे के सहारे जुड़ा रहता है और, केम में बने ग्रूव के अनुसार ही गति करता है।


  1. Cylindrical Cam or, Barrel Cam (सˈलिन्‌ड्रिक्‌ल्‌ कैम / बैरल कैम) - Cylindrical cam का आकार बेलनाकार होता है और इसमें भी grooved cam की तरह ग्रूव या खाँचा बना होता है जिस पर फॉलोवर cylindrical surface के समानांतर (Parallel) गति करता है।


  1. Heart-Shaped Cam (हार्ट - शेप्ड कैम) - इस प्रकार का केम देखने में Heart shape का प्रतीत होता है। इसमें फॉलोवर पर एक रोलर लगाकर केम के ऊपर एक दबाव स्थापित किया जाता है ताकि केम को एक निर्धारित स्थिति में रखा जा सके और इससे जुड़े शाफ़्ट को घुमाया जा सके।

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    Heart Shaped Cam


  1. Translating Cam (ट्रांसलेटिंग कैम) - ट्रांसलेटिंग कैम देखने मे बिल्कुल फ्लैट कैम की तरह ही होता है। परंतु इसमें एक ग्रूव या खाँचा देखने को मिलता है जिसपर कैम फॉलोवर एक रोलर के माध्यम से दोलनी गति से गतिमान रहता है। फॉलोवर गति करने के लिए कैम पर बने ग्रूव का अनुसरण करता है।


  1. Snail Drop Cam (स्नेल ड्राप कैम) - स्नेल ड्रॉप कैम का आकार एक घोंघे (snail) की तरह होता है। जिसको कैम फॉलोवर एक रोलर के माध्यम से फॉलो करता है। इस प्रकार के कैम में कैम फॉलोवर का लिफ्टिंग धीरे धीरे होता है परंतु कैम लोब के पिक पर पहुंचने के बाद फॉलोवर एकदम ड्रॉप करके अपने होम पोजीशन पर पहुंच जाता है। snail drop cam सामान्यतः घड़ियों के मैकेनिज्म में देखने को मिलता है।

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    Snail Drop Cam

 

  1. Conjugate Cam (कन्जूगेट कैम) - एक Conjugate Cam दो डिस्क को आपस मे जोड़ कर बनाया गया होता है। इसका मैकेनिज्म कुछ इस तरह का होता है जिससे दोनों कैम फॉलोवर दो रॉलर के द्वारा दोनों डिस्क से परस्पर जुड़े रहें। इस प्रकार के कैम दोलनी और प्रत्यागामी ( Oscillating & Reciprocating) दोनों प्रकार की गति उत्पन्न करने में capable होते है।

 

इस कैम की सबसे खास बात यह होती हैं कि इसमें दूसरे कैम डिज़ाइन की तुलना में घिसावट कम देखने को मिलती है। जिसकी वजह से इनका प्रयोग हाई स्पीड और हाई लोड एप्लीकेशन में किया जाता है।

 

  1. Globoidal Cam (ग्लोबोइडल कैम) - इस कैम की संरचना 3D प्रकार की होती है जिसमें कैम पर ग्रूव बने होते है। केम तथा फॉलोवर एक दुसरे के लम्बवत (perpendicular) होते हैं। Globoidal Cam के surface दो प्रकार के होते हैं होते हैं - Convex (उत्तल)और  Concave (अवतल).

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    Globoidal Cams


  1.  Spherical Cam (स्फेरिकल कैम) - यह कैम गोलाकार या गोलीय होता है और इस के चारो तरफ से ग्रूव बने होते हैं।



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केम और केम लोब में क्या अंतर होता है ?
Difference between cam and cam lobe


अकसर हम केम (Cam) और कम लोब (cam lobe) को लेकर उलझ जाते है और इनके बीच के अंतर को समझ नही पाते है। तो आइए आज हम इनके बीच के वास्तविक अंतर को समझते है। केमशाफ़्ट के ऊपर जो अंडाकार या वक्राकार (Curved in shape) संरचना बनी होती है उस पूरी संरचना या डिज़ाइन को केम (cam) कहते है तथा किसी केम (Cam) की जो सबसे ऊंची बिंदु (Highest point) होती है उसे लोब (Lobe) अथवा केम लोब (Cam Lobe) कहते है। 

इस प्रकार लोब (Lobe) केम (Cam) का एक हिस्सा मात्र है। नीचे दिए गए चित्र से आप इसे और स्पष्टरूप से समझ सकते है।


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Cam & Lobe




कैम्शाफ्ट का ड्राइव
(Drive of Camshaft)


कैम्शाफ्ट को घूमने के लिए पावर क्रैन्कशाफ्ट से मिलता है। क्रैन्कशाफ्ट से पावर का यह सप्लाई या तो चेन-स्प्रोकेट के माध्यम से या गियर के माध्यम से किया जाता है। कैम्शाफ्ट को पावर का सप्लाई किस माध्यम से हो इसका निर्धारण इंजन के बनावट या उसके प्रकार से होता है।

सामान्य तौर पर इंटरनल कम्बसन डीजल इंजन में कैम्शाफ्ट को ड्राइव गियर से दिया जाता है। वही दूसरी तरफ पेट्रोल इंजन या सीएनजी इंजन में कैम्शाफ्ट को ड्राइव चेन-स्प्रोकेट के द्वारा किया जाता है।



निष्कर्ष - (Conclusion) - इस प्रकार आपने कैमशाफ़्ट के बारे में विस्तार से जाना। आपने जाना कि , camshaft kya hota hai ? Iske pramukh parts kaun kaun se hote hai ? Camshaft kis metal se bana hota hai ? इत्यादि. अगर आपको ऊपर दी गई जानकारी अच्छी और उपयोगी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। और ऐसे ही उपयोगी जानकारी के लिए सब्सक्राइब करना न भूले . आपके शिकायत और सुझाव सादर आमंत्रित है

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